Constitution

संविधान

संविधान

1. नाम: सोसाइटी का नाम ‘समराथल फाउंडेशन सोसाइटी” होगा ।
2. पंजीकृत कार्यालय सोसाइटी का पंजीकृत कार्यालय “154, प्रथम तल, विल्हेश्वर टावर, सुभाष नगर विस्तार योजना, पाल रोड, जोधपुर होगा। कार्यालय स्थल के स्वामी की संस्था के साथ संविदा होगी। संस्था का प्रयास होगा कि समय के साथ स्वंय के स्वामित्व का कार्यालय हो ।
3. कार्यक्षेत्र: संस्था का शुरुआती कार्यक्षेत्र बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, नागोर, सिरोही और पाली होगा। समय के साथ इसके कार्यक्षेत्र का क्षमता अनुसार विस्तार किया जाएगा और संस्था इसे सम्पूर्ण भारत में कार्यशील होने का उद्देश्य और लक्ष्य रखती है।
4. उद्देश्य :-
(1) रोजगारउन्मुखी उच्च शिक्षा संस्था का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का प्रोत्साहन करना होगा। संस्था समाज के सबसे काबिल एवं जरुरतमन्द गरीब छात्रों का चयन कर उनको रोजगारउन्मुखी उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक समर्थन देगी जिसमें प्रारंभिक रूप में चिकित्सा, अभियांत्रिकी, न्यायिक, तुपात बीज सखेते अमृत फूल प्रशासनिक क्षेत्र में उच्च पदों के लिए जरूरतमंद काबिल छात्रों का चयन कर उन्हें आर्थिक हर उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान करना शामिल है। निर्धारित छात्रों को चयनित कर उनकी कोचिंग, होस्टल, सामग्री इत्यादि में संस्था के निर्धारित मानक अनुसार सहयोग करना ।
(2) महिला शिक्षा महिला शिक्षा के लिए विशेष प्रयास करना जिसमें प्राथमिक शिक्षा में सहयोग ESTABLISHED 2017 के साथ वृत्ति विकास के लिए उत्प्रेरण देना, पठन सामग्री उपलब्द्ध कराना, हॉस्टल निर्माण, शिक्षा में आर्थिक सहायता, छात्रवृति इत्यादि शामिल है।
समराथल फाउंडेशन, संविधान संशोधन, 17-12-2017
रजिस्ट्रार
अध्यक्ष समराथल फाउंडेशन सोसायटी
महासचिव
कोषाध्यक्ष जमराथल फाउंडेशन सोसायटी समराथल फाउंडेशन सोसायटी

(3) वृति विकास हेतु परामर्श संस्था निर्धारित कार्यक्षेत्र में शिक्षा के प्रोत्साहन एवं वृति विकास के लिए समय समय पर सेमीनार का आयोजन करेगी जिसमें विभिन्न कार्यक्षेत्रों में प्रशिक्षित एवं अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा “कैरियर कॉउंसलिंग की जावेगी
(4) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान, चिकित्सा कैंप आयोजन एवं स्क्रीनिंग, रक्तदान कैंप, चिकित्सा शिक्षा के लिए चिकित्सा में “वर्द्धि विकास हेतु परामर्श’ एवं आर्थिक सहयोग, प्राथमिक चिकित्सा को प्रोत्साहन, अपवाद स्थिति में जरुरतमंद को उच्च चिकित्सा में सहायता इत्यादि संस्था कार्य करेगी।
(5) पठन सामग्री का संग्रहालय विकास करना संस्था द्वारा शैक्षणिक क्षेत्र में योगदान के लिए विभिन्न वृति विकास के पाठ्यक्रम के लिए पठन सामग्री को संगृहीत किया जायेगा। संस्था देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों से समझौते का प्रयास करेगी एवं सबसे बेहतर पठन सामग्री को संकलित करेगी जिसको सॉफ्टकॉपी एवं हार्डकॉपी में संधारित किया जायेगा। पठन सामग्री को समाज हित में आवश्यकता अनुसार शैक्षणिक विकास के लिए सभी को उपलब्द्ध कराया जायेगा ।
(6) प्रकाशन संस्था में सभी सदस्य अपने अपने क्षेत्र में सक्षम होंगे अतः समय के साथ संस्था प्रयास करेगी कि शैक्षणिक विकास में प्रकाशन हो। केरियर कोउन्सल्लिंग के लिए गाइडेंस सामग्री तैयार की जाएगी। अन्य पठन सामग्री, पुस्तक, नोट्स, मैगज़ीन इत्यादि के प्रकाशन के प्रयास किये जायेंगे ।
(7) पुस्तकालय निर्माण को प्रोत्साहन एवं सहायता प्रदान करना संस्था विभिन्न क्षेत्रों में पुस्तकालय निर्माण को प्रोत्साहन करेगी। हर गाँव में भामाशाहों को उत्प्रेरित करेगी कि पुस्तकालय निर्माण के क्या फायदे है। संस्था आवश्यकता अनुसार तर अनुदान अनुदान भी करेगी। 
(8) सूचना एवं प्रो‌द्योगिकी का उपयोग: संस्था के पूर्ती के सभी हितधारको को जोड़ने का प्रयास किया जायेगा अतः संस्था जल्दी ही वेबसाइट का निर्माण करेगी तथा पारदर्शिता के लिए समस्त सामग्री वेबसाइट पर स्वत घोषित करेगी । संस्था द्वारा अनुदान का भी आईटी पोर्टल विकसित किया जायेगा। सोशल मीडिया के जरिये प्रचार प्रसार के प्रयास किये जायेंगे । विभिन्न माध्यम से संस्था से अधिसंख्य व्यक्तियों को जोड़ने के प्रयास किये जायेंगे । कैरियर काउन्सलिंग एवं सेमीनार के लिए आवश्यक आईटी सामग्री को क्रय किया जायेगा । विडियो कांफ्रेंसिंग के लिए भी समय के साथ आधार सरंचना विकसित की जाएगी ।

(9) अपवाद कार्य संस्था संविधान में विहित प्रक्रिया अनुसार अपवाद परिस्थिति के लिए सहयोग करेगी जैसे अप्राकृतिक विकट स्थिति में किसी को आर्थिक सहयोग देना, आपदा प्रबंधन में सहयोग करना, शहीदों के लिए सहयोग, अकस्मात मृत्यु में सहयोग विभिन्न सरकारी कोष में अनुदान, प्राकृतिक आपदाओं में सहयोग इत्यादि ।
(10) पर्यावरण विकास संस्था द्वारा समय समय पर पर्यावरण विकास के लिए प्रयास किये जायेंगे जिसमें पर्यावरण शिक्षा, पौधारोपण, जन जागरूकता अभियान,
(11) साधारण सभा द्वारा उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से समय समय पर अन्य उद्देश्य निर्धारित किये जा सकेंगे ।
5. सदस्यता :-
(क) संस्था के कार्यक्षेत्र बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, नागोर, सिरोही और पाली में निवासित समाज का कोई भी व्यक्ति सदस्य होगा जो संस्था के उद्देश्यों से सहमत होकर स्वेच्छा से सेवार्थ भावना से शामिल होना चाहता हो। संस्था स्थापना के लिए प्रथम मीटिंग में उपस्थित 48 सदस्यों के साथ साथ इस संशोधित संविधान की पुष्टि के लिए निर्धारित दिनाक 17 दिसम्बर 2017 तक शामिल सभी सदस्य इसके प्राथमिक सदस्य “फाउंडर मेम्बर” होंगे । भविष्य में जो भी सदस्य इसमें शामिल होगा उन्हें एक निर्धारित प्रारूप में एक सदस्यता प्रपत्र दान सुपाते भरना होगा। सदस्यता को संस्था की वेबसाइट से ऑनलाइन भी प्राप्त किया जा सकेगा जिसके लिए संस्था को दिसम्बर 2017 तक ही माध्यम विकसित करने होंगे। इस ऑनलाइन  सदस्यता व्यवस्था में निर्धारित न्यूनतम फीस को जमा कराने के भी माध्यम विकसित करने
होंगे । संस्था की सदस्यता को निर्धारित अनुसार प्रपत्र को भरकर जमा कराना होगा । सदस्यता ग्रहण ग्रहण करने करने पर पर इसी प्रमाण प्रपत्र की ऑनलाइन प्रविष्टि होगी । ऑनलाइन माध्यान से से सदस्यता आवश्यक शुल्क के साथ प्रपत्र को जमा कराने पर संस्था द्वारा स्वीकृति उपरान्त सदस्यता प्रदान की जावेगी। सदस्यता प्रमाण पत्र की मैन्युअल हार्डकॉपी या ऑनलाइन प्रति से प्रेषित किया जावेगा ।

सदस्यता की शर्ते :-
प्रथम, आवेदित व्यक्ति द्वारा निर्धारिक वार्षिक न्यूनतम अनुदान को दिया जाना स्वीकार किया हो, एवं,
दूसरा, संस्था के वर्तमान किसी भी एक सदस्य द्वारा सदस्यता का अनुमोदन किया हो, एवं,
तृतीय राजनैतिक एवं विशेष विचारधारा प्रेरित व्यक्ति संस्था के सदस्य नहीं होंगे जिनसे संस्था के उद्देश्यों पर विपरीत प्रभाव पड़े ।
चतुर्थ, सदस्य राजकीय सेवा, न्यायिक सेवा, निजी सेवा, समाज सेवा, पत्रकारिता में प्रतिष्टित पद या योग्यता रखता हो तथा संस्था के उद्देश्य अनुसार योग्य व्यक्ति हो ।
(ख) सदस्यता से इनकार, निलंबन एवं निष्कासन :-
(i) कोई भी सदस्य किसी भी समय अपनी सदस्यता को त्याग सकता है। इसके लिए लिखित आवेदन करना होगा ।
(ii) आवश्यक सदस्यता शुल्क को किसी भी वर्ष में जमा नहीं कराने पर अगले वर्ष से स्वतः ही सदस्यता समाप्त हो जाएगी। यदि पुनः सदस्यता लेना चाहे तो पूर्व वर्ष का शुल्क भी जमा कराना होगा । दान सभाले
(iii) संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर साधारण सभा में दो तिहाई बहुमत से सदस्यता को SAMRATHAL FOUNDATION
(iv) किसी भी सदस्य को कार्यकारिणी कभी निलंबित कर सकेगी लेकिन निलंबित सदस्य के विरुद्ध आरोप को साधारण सभी की मीटिंग में प्रस्तुत करना होगा एवं सदस्यता निलंबन या निष्कासन के लिए साधारण सभा ही अंतिम निर्णय SAMRATHAL FOUNDATION 2017 लेगी
(ग) सदस्यता शुल्क: संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक फण्ड मुख्यतः संस्था के सदस्यों द्वारा ही अनुदान किया जाना प्रस्तावित है। अतः संस्था के सदस्य वार्षिक 11000/- रुपये न्यूनतम अनुदान करेंगे। वार्षिक सदस्यता शुल्क किसी भी वर्ष में तीन महीने की समयावधि में 31 मार्च तक जमा कराना होगा। सदस्यता शुल्क को संस्था की वेबसाइट ‌द्वारा ऑनलाइन जमा कराया जा सकेगा। संस्था न्यूनतम डाटा एंट्री के साथ शुल्क जमा कराने की ऑनलाइन व्यवस्था दिसम्बर 2017 तक विकसित करेगी। प्रथम दो वर्ष तक सदस्यता शुल्क जमा कराने की तिथि की सीमा में कार्यकारिणी को स्वः विवेक होगा ।

(घ) सदस्यता शुल्क जमा कराने के लिए माध्यमः शुल्क जमा करने का माध्यम चेक या नेट बैंकिंग या संस्था की वेबसाइट के जरिये उपलब्ध पोर्टल के द्वारा या नियमानुसार नकद अनुदान के रूप में होगा। फीस जमा कराने में पहचान को ज्ञात करना अनिवार्य होगा। ऑनलाइन फीस के लिए संस्था की वेबसाइट से प्राप्ति की पावती ईमेल और मोबाइल के जरिये भेजी जावेगी। नकद प्राप्ति के लिए रशीद पंजीका से प्राप्ति की पावती की हार्डकॉपी सुपुर्द की जावेगी।
6. साधारण सभा :-
(1) साधारण सभा का संगठन सस्था की सदस्यता प्राप्त सभी व्यक्ति संस्था की साधारण सभा के सदस्य होंगे ।
साधारण सभा के अधिकार एवं कर्तव्य :- (क) साधारण सभा में ही समस्त अधिकार निहित होंगे ।

(ख) साधारण सभा संस्था के विधान में सशोधन के सक्षम होगी ।

(ग) साधारण सभा कार्यकारिणी की चुनाव द्वारा नियुक्ति करेगी। उपस्थित सदस्यों की दान संपाते सर्वसम्मति से या साधारण बहुमत से कार्यकारिणी के समस्त 15 सदस्यों की नियुक्ति SAMRATHAL FOUNDATION दवारा की जाएगी
 (घ) साधारण सभा के समस्त निर्णय उपस्थित सदस्यों की सर्वसम्मति से या दो तिहाई बहुमत से लिए जायेंगे।

(ङ) साधारण सभा किसी भी आपात मीटिंग के लिए सक्षम होगी। इसके लिए बीस सदस्यों का आवेदन पर्याप्त होगा ।

(च) साधारण सभा की सामान्यतः एक वर्ष में दो बैठक होगी जिसका एजेंडा महासचिव या कार्यकारिणी से निर्धारित होगा। साधारण सभा की बैठक का कोरम कुल सदस्य संख्या एक एक तिहाई होगा। बैठक सूचना कम से कम सात दिन पूर्व दी जाएगी।
(छ) साधारण सभी कार्यकारिणी के किसी भी सदस्य को हटाने के लिए सक्षम होगी। किसी भी सदस्य को हटाये जाने के लिए साधारण सभा के उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत आवश्यक होगा।
(ज) वार्षिक बजट पारित करना ।
(झ) कार्यकारिणी के कार्यों की समीक्षा एवं पुष्टि करना ।
(ञ) साधारण सभा के सदस्यता या वित्त संबंद्धि निर्णय उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से होंगे ।
(ट) चुनाव संबधित एवं अन्य निर्णय उपस्थि सदस्यों के बहुमत से होंगे।
(ठ) साधारण सभा में समस्त अवशिष्ट शक्स्तियाँ होगी ।
7. कार्यकारिणी :-
कार्यकारिणी का गठन संस्था की एक कार्यकारिणी होगी जिसमें कुल 21 सदस्य होंगे जिनका साधारण सभा द्वारा निर्वाचन किया जायेगा। कार्यकारिणी में एक अध्यक्ष, दो वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष, चार संगठन सचिव, एक प्रवक्ता, एक वित्तीय सलाहकार, एक विधिक सलाहकार एवं पांच अकादमिक सदस्य होंगे ।
दान संपाते (ii) कार्यकारिणी का निर्वाचन कार्यकारिणी में अध्यक्ष और महासचिव का ही निर्वाचन होगा । इनका निर्वाचन संस्था की साधारण सभा द्वारा होगा जिसमें सर्वसम्मति से चयन को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि आवश्यकता होगी तो लोकतांत्रिक रूप से बहुमत द्वारा इनका चयन किया जाएगा लेकिन बैलट से वोट देने की प्रक्रिया नहीं होगी । शेष समस्त पद के  लिए अध्यक्ष द्वारा महासचिव से राय लेकर मनोनयन किया जाएगा । महासचिव की राय बाध्यकारी नहीं होगी। अध्यक्ष किसी भी मनोनीत पद के लिए किसी भी सदस्य को मनोनीत कर सकता है और उसको हटाया भी जा सकता है जिसके कारण साधारण सभा को अवगत कराने होंगे ।

 

(iii) नवीन कार्यकारिणी निर्वाचन की प्रक्रिया: पूर्व कार्यकारिणी द्वारा समयानुसार साधारण सभा का सम्मेलन आहूत किया जाएगा जिसकी सूचना सात दिन पूर्व विभिन्न माध्यम से प्रेषित की जायेगी। अध्यक्ष या महासचिव पद के लिए कोई भी सदस्य स्वेच्छा से लिखित या मौखिक आवेदन कर सकता है और कार्यकारिणी इन्हें साधारण सभा के सामने सम्मेलन में रखेगी जिस पर सर्वसम्मति के प्रयास किये जायेंगे। साधाराण सभा भी सर्वसम्मति से किसी भी अन्य सदस्य को चयनित कर सकती है। एक से अधिक नाम की परिस्थिति में सर्वसम्मति नहीं होने पर बहुमत की राय अनुसार इनका मनोनयनानिर्वाचन किया जायेगा ।
(iv) कार्यकारिणी के सदस्यों की अर्हताएं: नागरिकता, शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी सामान्य अर्हताएं आवश्यक होगी। संस्था की सदस्यता सम्बंधित शर्तें भी लागू होंगी । सामाजिक संस्था में किसी भी पद के विषयनिष्ठ मानक तय किया जाना संभव नहीं हो सकता लेकिन कुछ नैतिक प्रावधान किये गए हैं। जो भी उम्मीदवार किसी भी पद पर आवेदन करता है उन्हें पहले खुद की काबीलियत को समझना होगा कि क्या वो इस पद के लायक गुण रखते हैं या नहीं।
(क) अध्यक्ष: संस्था का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो जिसने “सेवार्थ भावना” से अनवरत कार्य किये हो एवं उनकी स्वीकार्यता हो। अध्यक्ष में नेतृत्व क्षमता निर्णय क्षमता, दान स्पाते अनुशासन, नैतिकता होनी चाहिए जो विपरीत परिस्थिति में भी सबको जोड़े रख सकें । SAMRATHAL FOUNDATION अध्यक्ष संस्था का चेहरा होना चाहिए जिस पर अधिकतम की श्रद्धा और विश्वास हो । अध्यक्ष पद पर ऐसा व्यक्ति आसीन नहीं हो सकता जिसके विरुद्ध कोई पुलिस या न्यायिक प्रकरण लंबित हो तथा उनकी सामाजिक नैतिकता पर प्रश्न हो। अध्यक्ष के व्यक्तिगत एवं सामाजिक उच्च मानक स्थापित किये हुए होना वांछित है। अध्यक्ष पद के महत्व के कारण इस पद के लिए संस्था का कोई भी सदस्य आवेदन कर सकता है एवं इसका चुनाव सर्वसम्मति या बहुमत से ही किया जाएगा 

(ख) महासचिव : महासचिव एक दक्ष सदस्य हो जिसमें संस्था को संचालित करने की क्षमता हो । संस्था के देनदिनी कार्यों के साथ संस्था के विस्तार की रूपरेखा का विज़न होना महासचिव का गुण होना चाहिए। महासचिव की संस्था के कार्यों के लिए नियमों में निपुणता के साथ साथ तकनिकी में भी दक्षता अपेक्षित है। समय के साथ संस्था में बदलाव और नवाचार लाने की क्षमता होनी चाहिए। महासचिव में नेतृत्व क्षमता निर्णय क्षमता, अनुशासन, नैतिकता होनी चाहिए जो विपरीत परिस्थिति में भी सबको जोड़े रख सकें। महासचिव पद के महत्व के कारण इस पद के लिए संस्था का कोई भी सदस्य आवेदन कर सकता है एवं इसका चुनाव सर्वसम्मति या बहुमत से ही किया जाएगा।

(ग) उपाध्यक्ष: अध्यक्ष के गुणों से युक्त व्यक्ति ही उपाध्यक्ष योग्य है।
(घ) कोषाध्यक्ष: कोषाध्यक्ष का कार्य तकनिकी प्रकृति का होने के कारण इस पद के लिए ऐसे व्यक्ति को आसीन होना चाहिए जिन्हें लेखों की जानकारी हो। इस पद के लिए वाणिज्य, एकाउंटिंग, ऑडिट, आईटी, एक्सेल इत्यादि के साथ साथ वित्त प्रबंधन का ज्ञान भी हो। कोषाध्यक्ष को प्रत्येक दिवस अपना कुछ समय संस्था को समर्पित करना होगा अतः ऐसे व्यक्ति के पास अनवरत कार्य करने का जज्बा होना भी आवश्यक है।
(ङ) संगठन सचिव:  संस्था के विस्तार एवं समन्वय के लिए संस्था सचिव के पद का प्रावधान है अतः इस पद योग्य व्यक्ति में सांगठनिक नेतृत्व के साथ सांगठनिक विस्तार करने के आवश्यक प्रसासनिक गुण हो ।
दान सुपाते

(च) प्रवक्ता: प्रवक्ता को संस्था की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए एवं संस्था के प्रति पूर्ण समर्पण होना । प्रवक्ता की भाषाशैली मधुर एवं उत्कृष्ट हो एवं सत्य बात को अभिव्यक्त करने की कला होनी चाहिए। प्रवक्ता का व्यक्तित्व गैर विवादित होना आवश्यक है।

(छ) वित्तीय सलाहकार :सलाहकार.. संस्था के लिए यह सदस्य वित्तीय विधिक सलाहकार के रूप में कार्य करेगा अतः इस सदस्य के लिए वित्तीय ज्ञान और वाणिज्य में अनुभव का होना आवश्यक है ।

(ज) विधिक सलाहकार:  इस पद हेतु सदस्य का विधिक मामलों में ज्ञान और अनुभव होना आवश्यक है जिस से संस्था के विधिक मामलों में समयानुसार सलाह मिल सके एवं किसी भी विधिक विवाद में पक्षकार के रूप में भूमिका निभा सके ।
(झ) अकादमिक सदस्य:  संस्था के उद्देश्यों को मूर्त रूप देने के लिए अकादमिक सदस्यों को अपनी भूमिका निभानी होगी अतः इस पद को आसीन करने वाले सदस्यों में तर्क शक्ति और व्यवहारिक सोच का होना आवश्यक है।
(v) कार्यकाल और त्यागपत्र के लिए प्रावधान कार्यकारिणी का कार्यकाल तीन वर्ष तक होगा । कार्यकारिणी का कोई भी सदस्य तीन वर्ष पूर्व भी त्यागपत्र दे सकता है। अध्यक्ष अलावा कार्यकारिणी का कोई भी सदस्य अपना लिखित त्यागपत्र संस्था के अध्यक्ष को सुपुर्द करेंगे। संस्था के अध्यक्ष अपना त्यागपत्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष को सुपुर्द करेंगे। यदि संस्था का कार्यकाल दो साल से ज्यादा बचा हुआ हो और संस्था के अध्यक्ष या महासचिव के त्यागपत्र की स्थिति में साधारण सभा द्वारा पूर्ण निर्वाचन से अध्यक्ष या मसचिव का चयन करना होगा । अन्य किसी भी पद के लिए संस्था अध्यक्ष के द्वारा संस्था के किसी भी सदस्य को उनकी स्वीकृति उपरान्त रिक्त पद के लिए मनोनयन किया जाएगा ।
(vi) कार्यकारिणी के अधिकार :-
(क) संस्था का देनदिनी एवं रखरखाव कार्यों को करना ।

(ख) संस्था के नए सदस्य बनाना एवं संस्था का विस्तार करना ।

 (ग)दान सम्पति, वार्षिक बजट तैयार करना
(घ) वैतनिक कर्मचारियों की  नियुक्ति करना एवं वेतन भत्तो का निर्धारण  साधारण सभा द्वारा पारित निर्णयों को किर्यान्वित करना ।
(च) कार्य व्यवस्था के लिए उप समितियां बनाणा एवं उनमे कार्य विभाजन करना नियम निर्धारण करना एवं साधारण सभा

(छ) कार्यों के लिए नियम निर्धारण करना एवं साधारण सभा के लिए व्यवस्थित एजेंडा का निर्माण करना ।

(ज) विभिन्न माध्यम से संवाद स्थापित करना जिस से सदस्यों में जुड़ाव रहे एवं समय समय पर कार्य प्रगति से सूचित हो ।
(झ) संस्था के प्रचार प्रसार के लिए प्रयास करना एवं भामशाओं को जोड़ने के प्रयास करना
(य) संस्था को एक दक्ष संस्था बनाने के लिए सूचना प्रो‌द्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर एक आईटी युक्त आधारसंरचना विकसित करना जिस से ज्यादा से ज्यादा हितधारको को जोड़ा सके ।
(ट) संस्था की कार्य प्रगति का विश्लेष्ण एवं प्रतिप्रेषण ।
(ठ) संस्था के किसी कार्य को संपादित करने के लिए किसी वित्तीय निर्णय के लिए 50000/- रुपये तक के वित्तीय भार के निर्णय के लिए कार्यकारिणी को पूर्ण अधिकार होगा
(vii) सदस्यों के कार्य :-
(क) अध्यक्ष: संस्था अध्यक्ष संस्था के साथ कार्यकारिणी का मुखिया होगा अतः संस्था की समस्त गतिविधिया अध्यक्ष के मार्गदर्शन में ही संपादित होगी। साधारण सभा एवं कार्यकारिणी की समस्त मीटिंग संस्था अध्यक्ष की अध्यक्षता में संपादित होगी । अध्यक्ष के निर्देशन में ही कार्यकारिणी कार्य करेगी। समितियों के निर्माण, एजेंडा, वित्त आंकलन, लेखा, अन्केष्ण इत्यादि महतवपूर्ण निर्णयों में अध्यक्ष की मुख्य भूमिका होगी । कार्यकारिणी द्वारा प्रद्दत अन्य अधिकारों का उपयोग करना।
(ख) वरिष्ठ उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्ष के अधिकार एवं कर्तव्य वरिष्ठ दान संपाते उपाध्यक्ष के पास होंगे। कार्यकारिणी द्वारा प्रद्दत अन्य अधिकारों का उपयोग करना । (ग) उपाध्यक्ष :- अध्यक्ष व व कार्यकारिणी द्वारा प्रद्दत समस्त कार्यों का सम्पादन करना एवं संगठन के विस्तार में कार्य करना ।
(घ) महासचिव :- महासचिव कार्यकारिणी को संस्था के समस्त कार्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से संपादित करने होंगे। संस्था के अध्यक्ष की आजा आजा से संस्था की बैठक आहूत करना एवं संस्था की समस्त कार्यवाहियां यथा साधारण सभा की बैठक का आयोजन, एजेंडा निर्माण, कार्यविधि एवं कार्यवाही को विहित कराना संस्था के कार्यों को संपादित
रजिस्ट
सबल फाउंडेशन संविधान संशोधन, 17-12-2017
13 महासचिव समराथल फाउंडेशन सोसायटी समराथल फाउंडेशन सोसायटी समराथल, फाउंडेशन सोसायटी वाध्यक्ष प्रदान की जावेगी। सदस्यता प्रमाण पत्र की मैन्युअल हार्डकॉपी या ऑनलाइन प्रति से प्रेषित किया जावेगा ।

सदस्यता की शर्ते :-
प्रथम, आवेदित व्यक्ति द्वारा निर्धारिक वार्षिक न्यूनतम अनुदान को दिया जाना स्वीकार किया हो, एवं,
दूसरा, संस्था के वर्तमान किसी भी एक सदस्य द्वारा सदस्यता का अनुमोदन किया हो, एवं,
तृतीय राजनैतिक एवं विशेष विचारधारा प्रेरित व्यक्ति संस्था के सदस्य नहीं होंगे जिनसे संस्था के उद्देश्यों पर विपरीत प्रभाव पड़े ।
चतुर्थ, सदस्य राजकीय सेवा, न्यायिक सेवा, निजी सेवा, समाज सेवा, पत्रकारिता में प्रतिष्टित पद या योग्यता रखता हो तथा संस्था के उद्देश्य अनुसार योग्य व्यक्ति हो ।
(ख) सदस्यता से इनकार, निलंबन एवं निष्कासन :-
(i) कोई भी सदस्य किसी भी समय अपनी सदस्यता को त्याग सकता है। इसके लिए लिखित आवेदन करना होगा ।
(ii) आवश्यक सदस्यता शुल्क को किसी भी वर्ष में जमा नहीं कराने पर अगले वर्ष से स्वतः ही सदस्यता समाप्त हो जाएगी। यदि पुनः सदस्यता लेना चाहे तो पूर्व वर्ष का शुल्क भी जमा कराना होगा । दान सभाले
(iii) संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर साधारण सभा में दो तिहाई बहुमत से सदस्यता को SABORATHAL FOUNDATION
(iv) किसी भी सदस्य को कार्यकारिणी कभी निलंबित कर सकेगी लेकिन निलंबित सदस्य के विरुद्ध
आरोप को साधारण सभी की मीटिंग में प्रस्तुत करना होगा एवं सदस्यता निलंबन या निष्कासन के लिए साधारण सभा ही अंतिम निर्णय SASHED 2017 लेगी
(ग) सदस्यता शुल्क: संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक फण्ड मुख्यतः संस्था के सदस्यों द्वारा ही अनुदान किया जाना प्रस्तावित है। अतः संस्था के सदस्य वार्षिक 11000/- रुपये
समराथल फाउंडेशन संविधान संशोधन, 17-12-2017
जस्ट्रार
महासचिव मिराथल फाउंडेशन सोसायटी समराथल फाउंडेशन सोसायटी समराथल
به कोषाध्यक्ष , फाउंडेशन सोसायटी

(झ) वित्तीय सलाहकार संस्था के वित्त, वाणिज्य, लेखों के सम्बन्ध में प्रबंधन में सलाह देने; वित्तीय कानून और नवीन प्रावधान से संस्था को अपडेट करना एवं वित्त विवाद में कानूनी सहयोग देना इस पद का कार्य होगा।
(ञ) विधिक सलाहकार संस्था के वित्त से अतिरिक्त अन्य सभी विधिक मामलों के लिए सलाह देने; विभिन्न कानून और नवीन प्रावधान से संस्था को अपडेट करना एवं विभिन्न विधिक विवाद में कानूनी सहयोग देना इस पद का कार्य होगा।
8. संस्था का लेखा एवं रिकॉर्ड संस्था का लेखा संधारण कोषाध्यक्ष द्वारा किया जायेगा । कोषाध्यक्ष अपनी आवश्यकतानुसार लेखा हेतु सहयोग के लिए अपनी टीम गठित कर सकेंगा। संस्था के राजस्थान संस्था पंजीयन अधिनियम 1958 के तहत वर्तमान संविधान अनुसार पंजीयन संशोधन या नवीन पंजीयन उपरान्त एक पैनकार्ड प्राप्त किया जाएगा। इसके उपरान्त संस्था का किसी भी राष्ट्रीकृत बैंक में एक खाता शुरु किया जायेगा। संस्था का “आयकर अधिनियम की धारा 12” के तहत पंजीयन किया जाएगा। संस्था के तीन साल कार्यकाल उपरान्त “आयकर अधिनियम की धारा 80(G)” के तहत कर छूट के प्रमाणन की आवेदन कार्यवाही कर इसे प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे। ये समस्त कार्यवाही महासचिव एवं कोषाध्यक्ष द्वारा की जावेगी। कोषाध्यक्ष का दायित्व है कि वह संस्था का लेखा संधारित करेगा एवं क्रेडिट डेबिट का समयानुसार प्रति तिमाही संस्था के सदस्यों के सामने प्रस्तुत करेगा। विभिन्न सोशल मीडिया पर भी लेखों को सॉफ्टकॉपी में प्रेषित किया जाना पर्याप्त होगा। लेखा संधारण प्राथमिकता में सॉफ्टकॉपी में ही किया जावेगा। वार्षिक दीन सपाते लेखा की एक हार्डकॉपी संधारित की जावेगी जिसमें बैंक खाता प्रति, रोकड़ बही (कैश बुक), डेबिट क्रेडिट का प्रविष्टि अनुसार विवरण, जावक पंजीका, अंकेषण प्रतिवेदन इत्यादि शामिल है। लेखों का विभिन्न कानून की आवश्यकता अनुसार अंकेषण किया जावेगा एवं उसकी विवरणी जमा की जावेगी । लेखों के अंकेषण के लिए एक चार्टेड अकाउंटेंट की भी सेवा ली जावेगी ।
9. संस्था का कार्यालय एवं आवश्यक आधारसंरचना आवश्यक आधारसंरचना संस्था संस्था का का वर्तमान वर्तमान : में कार्यालय संविदा अनुसार किराये पर तदर्थ लिया गया है एवं भविष्य में संस्था स्थाई कार्यालय के लिए प्रयास करेगी। संस्था राजस्रधारसंरचना में कार्यालय के साथ साथ आईटी का प्रयोग करने पर बढ़ावा दिया जाएगा जिसमें

वेबसाइट निर्माण के साथ संस्था का एप इत्यादि निर्माण किया जाएगा। हितधारको को जोड़ने के लिए भी अलग प्रयास किये जायेंगे। संस्था की अचल सम्पति यथा कार्यालय, छात्रावास, लाइब्रेरी, हॉस्पिटल इत्यादि के भी प्रयास किये जायेंगे ।
10. वेबसाइट: संस्था की वेबसाइट का कार्य संविधान आहूत होने के तीन माह में पूरा करना होगा। यह वेबसाइट अतिआधुनिक गतिशील होगी जिसमें इस संविधान में अंकित आईटी प्रावधान को समाहित किया जाना होगा। महासचिव के पर्यवेक्षण में वेबसाइट का कार्य निर्धारित समय में पूरा किया जायेगा । वेबसाइट पर समयानुसार एवं आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जायेगा। वेबसाइट की “बेकएंड एक्सेस” एवं “लॉग इन क्रेडेंशियल” सिर्फ महासचिव के पास रहेंगे। वेबसाइट के डोमेन में www.samrathalfoundation.com या www.samrathal.org शब्द आना अनिवार्य होगा । संस्था डोमेन और वेबसाइट की “होस्टिंग” को संविधान लागू होने से निच्छित समयावधि के लिए एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। ऑनलाइन अनुदान की सेवा के लिए ऐसे “पेमेंट गेटवे” से संविदा की जायेगी जिसकी सेवा सही हो और उसका कमीशन तुलनात्मक रूप से कम हो ।
11. अनुदान :- संस्था संस्था के ऑनलाइन पोर्टल से कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 500/- से अधिकतम इच्छानुसार राशि का अनुदान कर पायेगा। कोई भी व्यक्ति बिना सदस्यता ग्रहण किये अनुदान के लिए स्वतंत्र है लेकिन संस्था को यह अधिकार होगा कि किसी भी व्यक्ति का संस्था की नैतिक प्रावधान से अर्हित नहीं होने पर अनुदान को निरस्त कर रिफंड भी किया जा सकेगा। संस्था किसी भी ऐसे व्यक्ति से अनुदान प्राप्त नहीं करेगी जिनकी सामजिक और आर्थिक नैतिकता पर विधिक प्रश्न हो । रान सुपाते बीज सुखेते अमृत फूल फळाज
12. समराथल आमाशाहः- “समराथल भामाशाह” ऐसे व्यक्ति होंगे जो तात्कालिक लक्ष्य “उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग” के लिए किसी भी एक लाभार्थी को નામ વિના પર પણ પૂર્વ ગવાર ગમ વિજ કરતા भी लाग लिए आर्थिक सहयोग करेंगे । ऐसे भामाशाह के लिए प्रतिवर्ष की अनुदान राशि कार्यकारिणी द्वारा नियत की जावेगी। भामाशाह को वि‌द्यार्थी की पहचान को को नहीं बताया बताया जायेगा। । आमाशाह संस्था : का सदस्य भी हो सकता है। यदि कोई भामाशाह संस्था की सदस्यता लेना चाहता है तो उसको सदस्यता सम्बंधित प्रावधानों को
स्थापूर्ण करना होगा जिसमे वार्षिक न्यूनतम शुल्क भी शामिल है। “समराथल भामाशाह” के लिए आवश्यक अन्य नियम के लिए कार्यकारिणी को पूर्ण अधिकार होगा

13. समराथल संयोजक मंडलः “समराथल फाउंडेशन संयोजक मंडल संस्था और समाज के बीच एक कड़ी का काम करेगा जो संस्था को समाज से जोड़ने का काम करेगा। इस मंडल में ऐसे सम्मानित प्रबुद्धजनों को शामिल किया जायेगा जिनकी सामाजिक स्थिति और पहुँच सम्मानजनक है एवं ऐसे सदस्य संस्था के सदस्यता नहीं ग्रहण करने के बावजूद संस्था से परोक्ष रूप से जुड़े रहेंगे। मंडल के निम्न कार्य होंगे :-
क. नए सदस्यों को जोड़कर संस्था की सदस्यता में विस्तार करना,
ख. संस्था की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाना ताकि अधिकतम जरूरतमंद इनसे अवगत हो सकें
ग. विद्यार्थियों का चिन्हीकरण कर उनको संस्था तक पहुंचाने का कार्य करना
घ. संस्था में अनुदान को बढ़ावा देना
ङ. संस्था को फीडबैक देना और वांछित सुधार की सलाह देना
14. संस्था की समितियां कार्यकारिणी द्वारा आवश्यकता अनुसार विभिन्न समितियों का गठन किया जायेगा जिसमें कुछ निम्नानुसार है:-
(क) स्क्रीनिंग समिति समिति का कार्य शैक्षणिक क्षेत्र में हितधारकों का चयन होगा। समिति चयन के मानक तय करेगी एवं चयन की प्रक्रिया विहित करेगी। समिति अधिकतम हितधारकों तक पहुँचने के माध्यम विकसित करेंगी। अमृत फूल कलाम
(ख) वित्त समिति समिति का कार्य संस्था के वित्तीय आयामों करना होगा जिसमें समिति कोष में प्राप्ति को बढ़ाने के प्रयास करेगी एवं अधिकतम हितधारकों, भामाषाओं एवं सदस्यों को जोड़ने के लिए अपने प्रयास सुझाएगी। समिति संस्था के कार्यों के का आंकलन करेगी एवं जो कोष आवंटित । लिए आवश्यक खर्च का आंकलन करेगी एवं जो कोष आवंटित होगा उसके खर्च की समीक्षा करेगी। समिति पारदर्शी फण्ड व्यवस्था के लिए प्रयास करेगी एवं समस्त आवक जावक में आईटी के प्रयोग का प्रयास करेगी। समिति प्रत्यक्ष रूप से कोषाध्यक्ष के संपर्क में होगी ।

(ग) समीक्षा समिति समिति का कार्य संस्था के कार्यशील योजनाओं की समय समय पर प्रगति की समीक्षा करना है। समिति कार्य प्रगति, फीडबैंक, रखरखाव एवं औचित्य का आंकलन करेगी एवं यह तय करेगी कि जिस उद्देश्य से कार्य शुरू किया गया था वो सही प्रगति में है या नहीं।
15. संस्था का कार्यालय एवं आवश्यक आधारसंरचना संस्था का वर्तमान में कार्यालय संविदा अनुसार किराये पर तदर्थ लिया जावेगा एवं भविष्य में संस्था स्थाई कार्यालय के लिए प्रयास करेगी। संस्था की आधारसंरचना में कार्यालय के साथ साथ आईटी का प्रयोग करने पर बढ़ावा दिया जाएगा जिसमें वेबसाइट निर्माण के साथ संस्था का एप इत्यादि निर्माण किया जाएगा। हितधारको को जोड़ने के लिए भी अलग प्रयास किये जायेंगे। संस्था की अचल सम्पति यथा कार्यालय, छात्रावास, लाइब्रेरी इत्यादि के भी प्रयास किये जायेंगे ।
16. संस्था के लिए कार्मिक की नियुक्ति संस्था की योजनाओं एवं दैनदिनी कार्यों के लिए कार्मिक की नियुक्ति के लिए कार्यकारिणी को पूर्ण अधिकार होगा जिसकी आर्थिक सीमा कुल
17. संस्था का विघटन यदि संस्था का विघटन आवश्यक हुआ तो संस्था की समस्त चल व अचल सम्पत्ति सामान उद्देश्य वाली संस्था को हस्तातंरित कर दी जावेगी लेकिन उक्त समस्त कार्यवाही राजस्थान रजीस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 13, 14 के अनुरूप होगी। रजिस्ट्रार संस्थाओं को पंजीयन रद्द करने का अधिकार होगा ।
18. संस्था का सविंधान संस्था की साधारण सभा द्वारा जरुरत अनुसार विहित प्रक्रिया अनुसार संशोधन किया जा सकेगा।
प्रमाणित किया जाता है कि आज दिनांक 17-12-2017 को उपर्युक्त संशोधित संविधान को SAMRATHAL FOUNDATION “समराथल फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा अंगीकार किया गया ।

(ज) विधिक सलाहकार इस पद हेतु सदस्य का विधिक मामलों में ज्ञान और अनुभव होना आवश्यक है जिस से संस्था के विधिक मामलों में समयानुसार सलाह मिल सके एवं किसी भी विधिक विवाद में पक्षकार के रूप में भूमिका निभा सके ।
(झ) अकादमिक सदस्य संस्था के उद्देश्यों को मूर्त रूप देने के लिए अकादमिक सदस्यों को अपनी भूमिका निभानी होगी अतः इस पद को आसीन करने वाले सदस्यों में तर्क शक्ति और व्यवहारिक सोच का होना आवश्यक है।
(v) कार्यकाल और त्यागपत्र के लिए प्रावधान कार्यकारिणी का कार्यकाल तीन वर्ष तक होगा । कार्यकारिणी का कोई भी सदस्य तीन वर्ष पूर्व भी त्यागपत्र दे सकता है। अध्यक्ष अलावा कार्यकारिणी का कोई भी सदस्य अपना लिखित त्यागपत्र संस्था के अध्यक्ष को सुपुर्द करेंगे। संस्था के अध्यक्ष अपना त्यागपत्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष को सुपुर्द करेंगे। यदि संस्था का कार्यकाल दो साल से ज्यादा बचा हुआ हो और संस्था के अध्यक्ष या महासचिव के त्यागपत्र की स्थिति में साधारण सभा द्वारा पूर्ण निर्वाचन से अध्यक्ष या मसचिव का चयन करना होगा । अन्य किसी भी पद के लिए संस्था अध्यक्ष के द्वारा संस्था के किसी भी सदस्य को उनकी स्वीकृति उपरान्त रिक्त पद के लिए मनोनयन किया जाएगा ।
(vi) कार्यकारिणी के अधिकार :-
(क) संस्था का देनदिनी एवं रखरखाव कार्यों को करना । (ख) संस्था के नए सदस्य बनाना एवं संस्था का विस्तार करना । दान संपाते (ग) वार्षिक बजट तैयार करना खेते अमृत फूल फहीम
(घ) वैतनिक कर्मचारियों की (इ नियुक्ति करना एवं वेतन भत्तो का निर्धारण LINDATION
) साधारण सभा द्वारा पारित निर्णयों को किर्यान्वित करना ।
(च) कार्य व्यवस्था के लिए उप समितियां बनाणा एवं उनमे कार्य विभाजन करना नियम निर्धारण करना एवं साधारण सभा (छ) कार्यों के लिए नियम निर्धारण करना एवं साधारण सभा के लिए व्यवस्थित एजेंडा का निर्माण करना ।

समराथल फाउंडेशन ( आम सूचना )

राजस्थान में निवासित बिश्नोई समाज के जरूरतमंद और होनहार विद्यार्थियों को विज्ञान संकाय में कक्षा 12वीं उपरान्त उच्च शिक्षा के लिए NEET/JEE तैयारी हेतु सफल कोचिंग संस्थान में कोचिंग के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये जा रहे है I आवेदन ऑनलाइन लिंक https://docs.google.com/forms/d/16faMuLFvtnfCSgybLuXgqO_RCT4900pi9iVILpcNOAY/edit
अपलोड किये जा सकते है I आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 29 मई 2025 है I कृपया अधिकतम आवेदन कराने में सहयोग करे और सूचना प्रसारित करे ।

विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे 

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